Editor- Rajkamal Kumar
भारत में गिर रही लगातार जीडीपी के स्तर को देखते हुए जनता के दरबार जनता का मिजाज जाना और किस तरह से अर्थव्यवस्था की मार जनता झेल रही है भारत 5 फ़ीसदी से गिरकर 4.5 फ़ीसदी जीडीपी पर आ गया है जिसकी वजह से प्रति व्यक्ति आय में कमी आ रही है इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च के प्रोफेसर आर नागराज ने बताया की एक उदाहरण के द्वारा जीडीपी को समझा जा सकता है और उसके द्वारा प्रति व्यक्ति आय पर कितना सरकारी गया समझा जा सकता है जैसे
2018 19 में प्रति व्यक्ति आय 10000 के लगभग थी जो 2019-20 में घटकर मात्र ₹526 के लगभग रह जाएगी सरकार के लिए यह वक्त काफी संघर्ष का है लेकिन सरकार फिर भी कह रही है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट है जीडीपी में गिरावट है लेकिन भारत में मंदी नहीं है तो वही सफाई देते हुए सरकार कह रही है कि वैश्विक स्तर पर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं इसमें केवल भारत ही अकेला ऐसा देश नहीं तो सवाल उठता है कि रोजगार छिन क्यों रहे हैं लोगों की जेबों पर असर क्यों पड़ रहा है क्यों लोगों को अपने खर्च लगातार बढ़ाने पड़ रहे हैं
जीडीपी के अंदर सभी प्रकार के आयात और निर्यात में से निर्यात से आयात को हटाया जाता है तो वहीं सभी प्रकार के प्राइवेट सेक्टर व सरकारी सेक्टर से सारा गणित निकालते हुए एक रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसे जीडीपी का नाम दिया जाता है जीडीपी वर्ष भर में एक बार तैयार की जाती है लेकिन जीएनपी हर 3 महीने में निकाली जाती है जिससे यह पता चलता है कि देश के तीन मुख्य सेक्टर में कितनी कमी है या कितना लाभ देश को हो रहा है देश के विकास पर जीडीपी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है फिलहाल भारत में जिस प्रकार से मंदी देखने को मिल रही है वह वाकई चिंताजनक है मंदी का असर केवल और केवल यह होता है कि गरीब और गरीब होते जाते हैं जिनको रोजाना बहन करने वाले खर्चों में अचानक वृद्धि करनी पड़ती है जिससे उन पर भार पहुंचता है IC न्यूज़
ने जनता की आवाज बंद कर जनता से बात की और आपको इस वीडियो में हम दिखा रहे हैं कि किस तरह से जनता अर्थव्यवस्था की गिरावट से जीडीपी गिरावट से त्रस्त नजर आ रही है
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